मईया लय खप्पर तिरशूल होमा

नव वर्ष का पहला दिन और माता रानी के आगमन का पहला दिन सभी भक्त माँ के स्वागत में अपने घरों में माता रानी की चौकी सजाते हैँ नौ दिन ब्रत रहकर माँ की आराधना करते हैँ पूरा बतावरण भक्ति मय हो जाता है चारो तरफ माँ के जयकारे गुंजायमान होते है देवी गीत और भगत के साथ नगड़िया और ढोलक की थाप मन को मोह लेते हैं तो चलिए सुनते हैं बघेली बोली का ये पारम्परिक भगत लोक गीत माता रानी की कृपा सभी भक्तों पर बने रहे #जयमातादी 🙏🙏🙏🙏


                      भगत
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चली शारदा पहिन घघरिया लय खप्पर तिरसूल होमा  -2

माथे मा वेदिआ दम दम दमके -2
सेंदुरा सोहय भर मांग होमा /चली शारदा.....
नैनन कजरा काने म झुमका -2
गल मुंडन के माल होमा /चली शारदा.....

दश अगुरी दस मुदरी सोहय -2
सकल दिशा उजिआर होमा /चली शारदा.....

पायें मा पायल घुंघरु बाजय -2
एडिआ महावर लाल होमा /चली शारदा.....

पहिर ओढि जब निकली शारदा होय लगा जयकार होमा /चली शारदा पहिन घघरिया लय खप्पर तिरसूल होमा  -2


टीप :-यह विंध्य क्षेत्र में गाया जाने वाला लोकप्रिय पारम्परिक बघेली #भगत #लोकगीत है इसे चैत्र और क्वार के महीने में गाया जाता है माता रानी अपनी कृपा सभी भक्तों पर बनाये रखें जय माता दी 🙏🙏

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