संस्कार गीत क्या होते है?
हमारे जितने भी संस्कार होते हैं चाहे वह जन्म के संस्कार हो चाहे वह व्रतबंध के संस्कार हो चाहे वैवाहिक संस्कार हर अवसर के गीत होते हैं। जब शिशु का जन्म होता है उस समय जन्म उत्सव मनाया जाता है महलों में खुशियां छा जाती है महलों में गीत गूंजने लगते हैं, ढोल नगाड़ों के साथ नए मेहमान का स्वागत किया जाता है लोकगीत लोगों के जीवन में रचे बसे होते हैं यह केवल मनोरंजन का माध्यम नहीं होते यह हमारी लोक संस्कृति हमारी पहचान कराते हैं यह गीत एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को हस्तांतरित होते आए हैं यह बहुत ही प्राचीन और पारंपरिक लोकगीत है इनकी विशालता यह है की इनको सुनकर अवसर का अंदाजा लगाया जा सकता है, जब शिशु मां के गर्भ में आता है उस अवसर के गीत है, जन्म संस्कार ,जन्म के बाद छठी संस्कार, बरहो संस्कार, कुआं पूजन संस्कार जब शिशु 5 महीने का होता है उस समय का जो संस्कार होता है अन्नप्राशन संस्कार होता है थोड़ा शिशु बड़ा हुआ तो मुंडन संस्कार और कर्ण छेदन संस्कार होता है जब बच्चा 12 वर्ष का होता है तो जनेऊ (उपनयन) संस्कार होता है इन संस्कारों के बाद विवाह संस्कार होता है विवाह संस्कार के हर अवसर के अलग-अलग गीत होते हैं इन गीतों के बिना हर संस्कार अधूरे होते हैं यह लोकगीत हमारे जीवन के अभिन्न अंग होते हैं।
पहला संस्कार गीत :-
1.) सोहर :-
जब शिशु का जन्म होता है उस समय पहला संस्कार गीत जो होता है वह सोहर होता है शिशु के जन्म के समय यह गीत गाया जाता है ।
शिशु जन्म के समय गाया जाने वाला गीत मैं आप सबके बीच रख रही हूं :-
"धनी धनी नगर अयोध्या धनय राजा दशरथ हो आबा ,
धनरे कौशल्या तोरी कोखि रमइया जहां जन्मे है हो।
जउने दिना रामा जनम भेहै धरती आनंद भई हो आबा ,
बाजै लागी आनंद बधैया गामै रे सखी सोहर हो।
जउने दिना रामा जन्म भेहै सोनम लुटि भई हो आवा ,
"अभी संस्कार गीतों की श्रृंखला चलती रहेगी इसके अगले संस्कार के बारे में अगले ब्लॉग में लिखूंगी सपोर्ट करने के लिए इसको शेयर करें और सब्सक्राइब करें जिससे यह जन जन तक पहुंच सके बहुत-बहुत धन्यवाद"
Bhut hi manmohak folksong
ReplyDeleteBhut hi manmohak folksong
ReplyDeleteBahut hi sarahniya karya
ReplyDeleteBahut accha
ReplyDelete