दीपावली के उपलक्ष में मनमोहक गीत।

दीपावली दीपों का त्योहार आप सबके जीवन में खुशियां लेकर आए भगवान राम के स्वागत में अयोध्या नगरी को दीपों की माला से सजाया गया भगवान राम के स्वागत में दीपावली का त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है हम सब भी इस बार अपने घरों में माटी के दीए जलाएं दीपावली स्पेशल में अपने विंध्य के उभरते कवि श्री सिउमन साकेत जी द्वारा रचित रचना आप सबके बीच में रख रही हूं आशा है कि आप सबको पसंद आएगा अपना इसने सहयोग जरूर प्रदान करें।

              


गाने के बोल हैं :-


माटी के दिया बनाबा हो भइया माटी के दिया जलाबा ।

अलसी के तेल औ दगला के बाती, अइहै राम सिया लखन संघ साथी,
संझबाती ओही के करावा हो भइया माटी के दिया जलाबा ।

चारिउ कइटिकिया पडाका हो बोलै, रस्सी बम केहूराकेट छोडै ,
देबारी खुशी से मनाबा हो भइया माटी के दिया जलाबा ।

घर घर पूजा पाठ करावा, लड्डू पेड़ा बर्फी धरावा ,
सब के भोग लगाबा हो भइया माटी के दिया जलाबा।

ढोल नगाड़ा ढमाढम बाजै , रीवा शहर के लोगवा  हो नाचे ,
 राम लउटि  घर आए हो भइया माटी के दिया जलाबा ।

गीतकार :- श्री सिउमन साकेत ।

 गायिका :- श्रीमती सुषमा शुक्ला  ।

 हारमोनियम :- श्री गणेश प्रसाद मिश्रा ।

ढोलक :- श्री शिबू द्विवेदी ।

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