फगुआ मा बलम बउराने सखी फगुआ मा बलम बउराने

लोकगीत हम सबके जीवन में रचे बसे होते हैं इन गीतों के बिना हमारे लोक उत्सव सूने रहते हैं होली रंगो का त्यौहार होता है जब होली होती है होलिका दहन के दूसरे दिन रंग खेलते हैं जिसमे लोगों का उत्साह देखते बनता है एक दूसरे को रंग लगाते है और होली की शुभकामनाएं प्रेषित करते हैं, फगुहारो की टोली जब निकलती हैं तो धूम मचा देती है ढोलक और नगडिया की थाप से मन झूम उठता है नोक झोक के ये गीत मन मोह लेते है
"पति का हाल फगुआ में क्या होता है" इस गीत में ब्यक्त कर रही हूँ
                       फगुआ
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फगुआ मा बलम बउराने सखी,फगुआ मा बलम बउराने

हाथे मा लीन्हे रंग अबीरा -2
धूम मचाबत आये -2 सखी फगुआ मा बलम बउराने

हाथे मा लीन्हे भाग के लोटा -2
पी के बलम बउराने -2
सखी फगुआ मा बलम बउराने

अबिर ग़ुलाल मलत मुख ऊपर -2
अरे सारी के कोर विगाडी -2
सखी फगुआ मा बलम बउराने -3


टीप :- बघेल खण्ड में गाया जाने बाला लोकप्रिय फगुआ मैं आप सब के लिए प्रस्तुत कर रही हूँ आशा है आप सभी का स्नेह और आशीष मिलेगा ऐसे ही और माटी के गीतों को मैं आप सबके बीच में लेकर आती रहूँगी बहुत-बहुत धन्य🙏🙏

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