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जउने दिना सीता जी धरती समानी (हिंदुली)

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मौसमी गीतों की बात ही निराली होती है जब वर्षा शुरू हो जाती है पुरवाई हवा बहने लगती है वर्षा की बूँद धरती पर पड़ती है ऐसे में हमारे धरती के गीत मन में उल्लास भर देतें हैं वर्षा ऋतु में कजली, हिंदुली, झूला गीत, मन को मोह लेते हैं ऐसा ही गीत आप के बीच प्रस्तुत हैं                                                                                                       हिंदुली मिथिला नगरिया के जनक दुलारी धनुष पूजय ना सीता जाय भिनसारे धनुष पूजय ना जे ई धनुहिआ का टोरि गिराई ओहिन संघे ना  आपन रचवय विअहवा ओहिन संघे ना जउने दिना सीता के परी रे भवरिया, ओहिन दिना ना रामा भये वनवासी ओहिन दिना ना जउने दिना सीत...

निकलि चलबय तोहरे संघ मा सवरिया

लोक गीत यानी ऐसा गीत जो हमारे जीवन में रचा बसा हो और ये गीत हम सब किसी ना किसी उत्सव में सुनते आ रहे हैं। कार्यक्रम का स्वरुप बदला पर ये गीत नहीं बदले एक पीढी से दूसरे पीढ़ी को हस्तांतरित होते चले आ रहे हैं ऐसा ही एक पारंपरिक गीत मैं आप सबके लिए लेकर आई हूं जिसमें अपने माटी की खुशबू रची बसी है                                         दादरा निकलि चलबय तोहरे संघ मा सबरिया तोहरे बिना नही भावे महलिआ निकलि चलबय तोहरे संघ मा सबरिया जनक पूरी मा हम ना रहवय संघ तोरे चलबय -3 पीतांबर धरिया निकलि चलबय तोहरे संघ मा सबरिया सरयू किनारे एक महल बनउबय दुनउ जने बइठव -3औ लेबय लहरिआ निकलि चलबय तोहरे संघ मा सबरिया लोक लाजि कुल कानि न मानव छोड़ छाडि कुल का -2 चलव तोहरे संघ मा निकलि चलबय तोहरे संघ मा सबरिया 

चइतय के तिथि नौमी बजन बहु बाजय #सोहर #बघेलीलोकगीत

चैत्र का महीना तिथि नौमी जब भगवान श्री राम का जन्म होता है तो चारों ओर तरह-तरह के बादय बजने लगते हैं अयोध्या में उत्सव का माहौल होता है महल में अपार खुशियां छा जाती है।  श्री  रामनवमी   पर्व को पूरे राष्ट्र में उत्सव की तरह मनाया जाता है बघेलखंड में श्री रामनवमी को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है इस अवसर पर हमारी बहनें बहुत सुंदर सा सोहर गीत गाती है जो मैं आप सबके बीच में रख रही हूं आशा है आप सबको पसंद आएगा भरपूर स्नेह और आशीष मिलेगा🙏🙏                    सोहर           ***************** चइतय के तिथि नौमी बजन बहु बाजय हो आबा प्रगटे है दीन दयाल तीनहु घर जाहिर हो -2 सुंदर  चइतय पवन बहय पावन होआवा नौमी तिथि मधुमास रमइया जन्म भये हो -2 केखेन जन्मे है रामा त  केखेन  लक्षिमन हो आवा केखेन भरत भुआल तिनहु घर जाहिर हो -2 कौशिल्या के जन्मे है रामा सुमित्रा के लक्षिमन हो आवा कैकई के भरत भुआल तिनहु घर जाहिर हो -2 शुभ घड़ी शुभ क्षण मुहूरत शुभय सब दिनमा हो आवा प्रगटे है दीनदयाल तिनहु घर ज...

मईया लय खप्पर तिरशूल होमा

नव वर्ष का पहला दिन और माता रानी के आगमन का पहला दिन सभी भक्त माँ के स्वागत में अपने घरों में माता रानी की चौकी सजाते हैँ नौ दिन ब्रत रहकर माँ की आराधना करते हैँ पूरा बतावरण भक्ति मय हो जाता है चारो तरफ माँ के जयकारे गुंजायमान होते है देवी गीत और भगत के साथ नगड़िया और ढोलक की थाप मन को मोह लेते हैं तो चलिए सुनते हैं बघेली बोली का ये पारम्परिक भगत लोक गीत माता रानी की कृपा सभी भक्तों पर बने रहे #जयमातादी 🙏🙏🙏🙏                       भगत              ************** चली शारदा पहिन घघरिया लय खप्पर तिरसूल होमा  -2 माथे मा वेदिआ दम दम दमके -2 सेंदुरा सोहय भर मांग होमा /चली शारदा..... नैनन कजरा काने म झुमका -2 गल मुंडन के माल होमा / चली शारदा..... दश अगुरी दस मुदरी सोहय -2 सकल दिशा उजिआर होमा / चली शारदा..... पायें मा पायल घुंघरु बाजय -2 एडिआ महावर लाल होमा / चली शारदा..... पहिर ओढि जब निकली शारदा होय लगा जयकार ह...

तोरी महिमा को जानी जगदम्बा भवानी

           देवी गीत          *********** तोरी महिमा को जानी जगदम्बा भवानी -2 के ता जानी शिव शंकर जी-2 के गौरा महरानी जगदम्बा भवानी -2 के ता जानी मईया रामचंद्र जी -2 के सीता महरानी जगदम्बा भवानी -2 के ता जानी मईया कृष्ण चंद्र जी-2 के राधा महरानी जगदम्बा भवानी -2 के ता जानी मईया पांच पांड़वा -2 के द्रोपदी महरानी जगदम्बा भवानी -2 टीप :- नवरात्रि में पूरा वातावरण भक्ति मय रहता है मंदिरो में भक्तों का मेला लगा रहता है माता रानी के जयकारे से मंदिर गुंजायमान रहता है।नवरात्रि में बघेली बोली में बहुत सुंदर देवीगीत आप सभी के लिए प्रस्तुत है प्रेम से बोलो जय माता दी 🙏🙏

नाच रहे दूनौ मोर भुवन तोरे नाच रहें -2

नवरात्रि आने वाली है सभी भक्त माता के आगमन की तैयारी में लगे हैं माता रानी के स्वागत में घर में माता की चौकी सजाई जाती है बंदनवार लगाए जाते हैं और जब माता रानी का आगमन होता है तब घर-घर में,मंदिरों में भगत और देवी गीत  सुनाई देने लगते हैं नगरिया और ढोलक की थाप मन को मोह लेते हैं,मन में उत्साह भर देते हैं चारों तरफ का बतावरण भक्ति मय हो जाता है नवरात्रि में गाया जाने वाला लोकप्रिय पारंपरिक भगत आप सबके लिए लेकर आई हूँ माता रानी सभी भक्तों पर अपनी कृपा बनाए रखें #जय माता दी 🙏🙏                    भगत                ********* नाच रहे दूनौ मोर भुवन तोरे नाच रहें -2 कहाँ से आईं आदि भवानी -2 कहां से आये दूनौ मोर भुवन तोरे नाच रहें -2 स्वर्ग लोक से आईं भवानी -2 कजली वन दूनौ मोर भवन तोरे नाच रहें -2 नाच रहे दूनौ मोर भुवन तोरे नाच रहें -2 काहे के मईया का भोग लगायेव -2 काह चुनै दूनौ मोर भुवन तोरे नाच रहें नाच रहे दूनौ मोर भु...

फगुआ मा बलम बउराने सखी फगुआ मा बलम बउराने

लोकगीत हम सबके जीवन में रचे बसे होते हैं इन गीतों के बिना हमारे लोक उत्सव सूने रहते हैं होली रंगो का त्यौहार होता है जब होली होती है होलिका दहन के दूसरे दिन रंग खेलते हैं जिसमे लोगों का उत्साह देखते बनता है एक दूसरे को रंग लगाते है और होली की शुभकामनाएं प्रेषित करते हैं, फगुहारो की टोली जब निकलती हैं तो धूम मचा देती है ढोलक और नगडिया की थाप से मन झूम उठता है नोक झोक के ये गीत मन मोह लेते है "पति का हाल फगुआ में क्या होता है" इस गीत में ब्यक्त कर रही हूँ                        फगुआ                *************** फगुआ मा बलम बउराने सखी, फगुआ मा बलम बउराने हाथे मा लीन्हे रंग अबीरा -2 धूम मचाबत आये -2 सखी फगुआ मा बलम बउराने हाथे मा लीन्हे भाग के लोटा -2 पी के बलम बउराने -2 सखी फगुआ मा बलम बउराने अबिर ग़ुलाल मलत मुख ऊपर -2 अरे सारी के कोर विगाडी -2 सखी फगुआ मा बलम बउराने -3 टीप :- बघेल खण्ड में गाया जा...

भोला मांगय गमनमा होली मा

  होली गीत हर क्षेत्र के अलग अलग होते हैं इनका महत्व लोक जीवन में बहुत होता है जब फगुहारों की टोली निकलती है तो गली मोहल्ले में धूम मच जाती है ढोलक और नगडिया की थाप सुनकर लोग झूम उठते हैं आज मैं बघेली फगुआ  आप सभी के बीच रख रही हूँ आशा है आप सभी का स्नेह मिलेगा                    फगुआ             ************* भोला मागय गमनमा होली मा, भोला मागय गमनमा होली मा पहिला संदेसा ब्रम्हा जी का आया -2 अरे हम ना बइठव डोली -3मा भोला मांगय गमनमा होली मा दुसरा संदेसा बिष्णू जी का आया -2 बिष् णू जी का आया चक्र धारी का आया अरे हम ना बइठव डोली -3मा भोला मांगय गमनमा होली मा तिसरा संदेसा राम जी का आया -2 राम जी का आया -2 धनुषधारी का आया अरे हम ना बइठव डोली -3मा भोला मांगय गमनमा होली मा अरे होली के दिन नियराने सखी रे होली के दिन नियराने   होली मा 

को मोरे अगने मा दर खानय

जब हमारे घर मे व्रतबंध या विवाह संस्कार होता है उस समय मडवा डालने की रस्म होती है, परिवार और गांव के लोग   मड़वा डालने आते हैं तब हमारी बहने उस अवसर का बहुत सुंदर गीत गाती हैं वही पारंपरिक लोकगीत मैं आप सबके बीच प्रस्तुत कर रही हूं                     मड़वा गीत को मोरे अगने मा दर खनय को रे वेदन पढ़य हो को मोरे बाटय हरदिआ त मडये मा शुभ करय हो आजा मोरे मडये के दर खनय पंडित वेदन पढ़य हो आजी मोरी बाटय हरदिआ त मडये मा शुभ करय हो    बाबू मोरे मडये के दर खनय पंडित वेदन पढ़य हो माया मोरी बाटय हरदिआ त मडये मा शुभ करय हो इसी तरह घर के जो सदस्य होते हैं उन सभी का संबोधन करके जीत गया जाता है इन गीतों के बिना हमारे उत्सव और कोई भी संस्कार फीके लगते हैं यह हमारी लोक संस्कृति की जान होते हैं इन गीतों के एक-एक शब्द में भाव छुपा होता है  यह गीत सदियों से हमारे लोक उत्सव के महत्वपूर्ण अंग रहे हैं इन गीतों का महत्व आज भी उतना ही है जितना पहले था

भरि -भरि आवै मोरी अखिआ गलिआ नहीं सूझय हो

यह बघेली  का बहुत ही मार्मिक  संस्कार परक लोकगीत है जब बेटी का विबाह होता है उसकी विदाई होती है तब बेटी अपने मन के भाव ब्यक्त करती है बहुत ही भावुक गीत है इसे जो भी जमझते हैँ वो भी सुनकर भावुक हो जाते हैँ उनकी आँखो में आंसू आ जाते हैं आशा है आप सभी का स्नेह इस गीत को मिलेगा 🙏🙏                 अंजुरी          ************* भरि - भरि आबै मोरी अखिआ गलिआ नहीं सुझय हो आगे के घोडीला दुलेरुआ ता जमरे दुलहिन देइ हो पलटि के पाछे निहारय त काहे धना अनमन हो धौ सुधि आई मायल केरी धौ रे बाबुल केरी हो धौ सुधि आई विरन के गलिआ नहीं सूझय हो नहीं सुधि आई मायल केरी नहीं रे बाबुल केरी हो नहीं सुधि आई विरन के गलिआ नहीं सूझय हो छोडी आयेव अरबा कलेउना अगन भर सखिआ हो छोड़ी आयेव लहुरी बहिनिआ गलिआ नहीं सूझय हो ये गीत हमारी लोक संस्कृति की पहचान है हमारे कोई भी उत्सव इनके विना सूने लगते हैं ये हमारी लोक संस्कृत के सजक पहरेदार भी होते हैं यह जीत हमारी आने वाली पीढ़ी को मिल सके...